Original

अर्जुनेन विहीनस्तु यदि नोत्सृजते रणम् ।मामुपायान्तमालोक्य गृहीतमिति विद्धि तम् ॥ ८ ॥

Segmented

अर्जुनेन विहीनः तु यदि न उत्सृजते रणम् माम् उपायान्तम् आलोक्य गृहीतम् इति विद्धि तम्

Analysis

Word Lemma Parse
अर्जुनेन अर्जुन pos=n,g=m,c=3,n=s
विहीनः विहा pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
तु तु pos=i
यदि यदि pos=i
pos=i
उत्सृजते उत्सृज् pos=v,p=3,n=s,l=lat
रणम् रण pos=n,g=m,c=2,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
उपायान्तम् उपाया pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
आलोक्य आलोकय् pos=vi
गृहीतम् ग्रह् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
इति इति pos=i
विद्धि विद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s