महाभारतम् — 7.157.41
Original
Segmented
त्रैलोक्य-राज्यात् यत् किंचिद् भवेद् अन्यत् सु दुर्लभम् न इच्छेयम् सात्वतैः अहम् तद् विना पार्थम् धनंजयम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
त्रैलोक्य | त्रैलोक्य | pos=n,comp=y |
राज्यात् | राज्य | pos=n,g=n,c=5,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
किंचिद् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
अन्यत् | अन्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
सु | सु | pos=i |
दुर्लभम् | दुर्लभ | pos=a,g=n,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
इच्छेयम् | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
सात्वतैः | सात्वत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
विना | विना | pos=i |
पार्थम् | पार्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
धनंजयम् | धनंजय | pos=n,g=m,c=2,n=s |