Original

तस्मात्पर्णानि शाखाश्च स्कन्धं चोत्सृज्य सूतज ।कृष्णं निकृन्धि पाण्डूनां मूलं सर्वत्र सर्वदा ॥ २४ ॥

Segmented

तस्मात् पर्णानि शाखाः च स्कन्धम् च उत्सृज्य सूतज कृष्णम् निकृन्धि पाण्डूनाम् मूलम् सर्वत्र सर्वदा

Analysis

Word Lemma Parse
तस्मात् तस्मात् pos=i
पर्णानि पर्ण pos=n,g=n,c=2,n=p
शाखाः शाखा pos=n,g=f,c=2,n=p
pos=i
स्कन्धम् स्कन्ध pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
उत्सृज्य उत्सृज् pos=vi
सूतज सूतज pos=n,g=m,c=8,n=s
कृष्णम् कृष्ण pos=n,g=m,c=2,n=s
निकृन्धि निकृत् pos=v,p=2,n=s,l=lot
पाण्डूनाम् पाण्डु pos=n,g=m,c=6,n=p
मूलम् मूल pos=n,g=n,c=2,n=s
सर्वत्र सर्वत्र pos=i
सर्वदा सर्वदा pos=i