महाभारतम् — 7.157.19
Original
Segmented
संजय उवाच दुर्योधनस्य शकुनेः मम दुःशासनस्य च रात्रौ रात्रौ भवति एषा नित्यम् एव समर्थना
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
दुर्योधनस्य | दुर्योधन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
शकुनेः | शकुनि | pos=n,g=m,c=6,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
दुःशासनस्य | दुःशासन | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
एव | एव | pos=i |
समर्थना | समर्थन | pos=n,g=f,c=1,n=s |