महाभारतम् — 7.154.21
Original
Segmented
संजय उवाच अन्तर्हितम् राक्षसम् तम् विदित्वा संप्राक्रोशन् कुरवः सर्व एव कथम् न अयम् राक्षसः कूट-योधी हन्यात् कर्णम् समरे ऽदृश्यमानः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अन्तर्हितम् | अन्तर्धा | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
राक्षसम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
विदित्वा | विद् | pos=vi |
संप्राक्रोशन् | संप्राक्रुश् | pos=v,p=3,n=p,l=lan |
कुरवः | कुरु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्व | सर्व | pos=n,g=m,c=1,n=p |
एव | एव | pos=i |
कथम् | कथम् | pos=i |
न | न | pos=i |
अयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
राक्षसः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=s |
कूट | कूट | pos=n,comp=y |
योधी | योधिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हन्यात् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
कर्णम् | कर्ण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
ऽदृश्यमानः | अदृश्यमान | pos=a,g=m,c=1,n=s |