Original

प्रविद्धमतिवेगेन विक्षिप्तं कर्णसायकैः ।अभाग्यस्येव संकल्पस्तन्मोघमपतद्भुवि ॥ ४४ ॥

Segmented

प्रविद्धम् अतिवेगेन विक्षिप्तम् कर्ण-सायकैः अभाग्यस्य इव संकल्पः तत् मोघम् अपतद् भुवि

Analysis

Word Lemma Parse
प्रविद्धम् प्रव्यध् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
अतिवेगेन अतिवेग pos=n,g=m,c=3,n=s
विक्षिप्तम् विक्षिप् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
कर्ण कर्ण pos=n,comp=y
सायकैः सायक pos=n,g=m,c=3,n=p
अभाग्यस्य अभाग्य pos=a,g=m,c=6,n=s
इव इव pos=i
संकल्पः संकल्प pos=n,g=m,c=1,n=s
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
मोघम् मोघ pos=a,g=n,c=1,n=s
अपतद् पत् pos=v,p=3,n=s,l=lan
भुवि भू pos=n,g=f,c=7,n=s