महाभारतम् — 7.147.22
Original
Segmented
पाञ्चालेषु प्रभग्नेषु दीर्यमाणेषु सर्वशः जनार्दनो दीन-मनाः प्रत्यभाषत फल्गुनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पाञ्चालेषु | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=7,n=p |
प्रभग्नेषु | प्रभञ्ज् | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
दीर्यमाणेषु | दृ | pos=va,g=m,c=7,n=p,f=part |
सर्वशः | सर्वशस् | pos=i |
जनार्दनो | जनार्दन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
दीन | दीन | pos=a,comp=y |
मनाः | मनस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रत्यभाषत | प्रतिभाष् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
फल्गुनम् | फल्गुन | pos=n,g=m,c=2,n=s |