महाभारतम् — 7.145.56
Original
Segmented
सव्यसाची पुरो ऽभ्येति द्रोण-अनीकाय भारत संसक्तम् सात्यकिम् ज्ञात्वा बहुभिः कुरु-पुङ्गवैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
सव्यसाची | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पुरो | पुरस् | pos=i |
ऽभ्येति | अभी | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
द्रोण | द्रोण | pos=n,comp=y |
अनीकाय | अनीक | pos=n,g=n,c=4,n=s |
भारत | भारत | pos=n,g=m,c=8,n=s |
संसक्तम् | संसञ्ज् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
सात्यकिम् | सात्यकि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
ज्ञात्वा | ज्ञा | pos=vi |
बहुभिः | बहु | pos=a,g=m,c=3,n=p |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
पुङ्गवैः | पुंगव | pos=n,g=m,c=3,n=p |