Original

स तु शक्त्या विभिन्नाङ्गो निपपात रथोत्तमात् ।लोहिताङ्ग इवाकाशाद्दीप्तरश्मिर्यदृच्छया ॥ १२ ॥

Segmented

स तु शक्त्या विभिद्-अङ्गः निपपात रथ-उत्तमात् लोहिताङ्ग इव आकाशात् दीप्त-रश्मिः यदृच्छया

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
शक्त्या शक्ति pos=n,g=f,c=5,n=s
विभिद् विभिद् pos=va,comp=y,f=part
अङ्गः अङ्ग pos=n,g=m,c=1,n=s
निपपात निपत् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रथ रथ pos=n,comp=y
उत्तमात् उत्तम pos=a,g=m,c=5,n=s
लोहिताङ्ग लोहिताङ्ग pos=n,g=m,c=1,n=s
इव इव pos=i
आकाशात् आकाश pos=n,g=m,c=5,n=s
दीप्त दीप् pos=va,comp=y,f=part
रश्मिः रश्मि pos=n,g=m,c=1,n=s
यदृच्छया यदृच्छा pos=n,g=f,c=3,n=s