Original

उपारमस्व युद्धाय द्रोणाद्भरतसत्तम ।गृध्यते हि सदा द्रोणो ग्रहणे तव संयुगे ॥ ४५ ॥

Segmented

उपारमस्व युद्धाय द्रोणाद् भरत-सत्तम गृध्यते हि सदा द्रोणो ग्रहणे तव संयुगे

Analysis

Word Lemma Parse
उपारमस्व उपारम् pos=v,p=2,n=s,l=lot
युद्धाय युद्ध pos=n,g=n,c=4,n=s
द्रोणाद् द्रोण pos=n,g=m,c=5,n=s
भरत भरत pos=n,comp=y
सत्तम सत्तम pos=a,g=m,c=8,n=s
गृध्यते गृध् pos=v,p=3,n=s,l=lat
हि हि pos=i
सदा सदा pos=i
द्रोणो द्रोण pos=n,g=m,c=1,n=s
ग्रहणे ग्रहण pos=n,g=n,c=7,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
संयुगे संयुग pos=n,g=n,c=7,n=s