Original

त्वयि कर्णे कृपे द्रोणे मद्रराजेऽथ सौबले ।महत्कार्यं समायत्तं प्रसीद द्विजसत्तम ॥ ७ ॥

Segmented

त्वयि कर्णे कृपे द्रोणे मद्र-राजे ऽथ सौबले महत् कार्यम् समायत्तम् प्रसीद द्विजसत्तम

Analysis

Word Lemma Parse
त्वयि त्वद् pos=n,g=,c=7,n=s
कर्णे कर्ण pos=n,g=m,c=7,n=s
कृपे कृप pos=n,g=m,c=7,n=s
द्रोणे द्रोण pos=n,g=m,c=7,n=s
मद्र मद्र pos=n,comp=y
राजे राज pos=n,g=m,c=7,n=s
ऽथ अथ pos=i
सौबले सौबल pos=n,g=m,c=7,n=s
महत् महत् pos=a,g=n,c=1,n=s
कार्यम् कार्य pos=n,g=n,c=1,n=s
समायत्तम् समायत् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
प्रसीद प्रसद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
द्विजसत्तम द्विजसत्तम pos=n,g=m,c=8,n=s