महाभारतम् — 7.134.42
Original
Segmented
प्राहिणोत् सूतपुत्राय त्रिंशतम् शत्रु-तापनः विव्याध च एनम् संरब्धो बाणेन एकेन वीर्यवान्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्राहिणोत् | प्रहि | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सूतपुत्राय | सूतपुत्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
त्रिंशतम् | त्रिंशत् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
शत्रु | शत्रु | pos=n,comp=y |
तापनः | तापन | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विव्याध | व्यध् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
च | च | pos=i |
एनम् | एनद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
संरब्धो | संरभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बाणेन | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
एकेन | एक | pos=n,g=m,c=3,n=s |
वीर्यवान् | वीर्यवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |