महाभारतम् — 7.132.1
Original
Segmented
संजय उवाच द्रुपदस्य आत्मजान् दृष्ट्वा कुन्तिभोज-सुतान् तथा द्रोणपुत्रेण निहतान् राक्षसान् च सहस्रशः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
द्रुपदस्य | द्रुपद | pos=n,g=m,c=6,n=s |
आत्मजान् | आत्मज | pos=n,g=m,c=2,n=p |
दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
कुन्तिभोज | कुन्तिभोज | pos=n,comp=y |
सुतान् | सुत | pos=n,g=m,c=2,n=p |
तथा | तथा | pos=i |
द्रोणपुत्रेण | द्रोणपुत्र | pos=n,g=m,c=3,n=s |
निहतान् | निहन् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
राक्षसान् | राक्षस | pos=n,g=m,c=2,n=p |
च | च | pos=i |
सहस्रशः | सहस्रशस् | pos=i |