Original

अरक्ष्यमाणं पार्थेन जिष्णुना ससुतानुजम् ।न हन्यां निरये घोरे पतेयं वृष्णिपांसन ॥ ७ ॥

Segmented

अरक्ष्यमाणम् पार्थेन जिष्णुना स सुत-अनुजम् न हन्याम् निरये घोरे पतेयम् वृष्णि-पांसनैः

Analysis

Word Lemma Parse
अरक्ष्यमाणम् अरक्ष्यमाण pos=a,g=m,c=2,n=s
पार्थेन पार्थ pos=n,g=m,c=3,n=s
जिष्णुना जिष्णु pos=n,g=m,c=3,n=s
pos=i
सुत सुत pos=n,comp=y
अनुजम् अनुज pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
हन्याम् हन् pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
निरये निरय pos=n,g=m,c=7,n=s
घोरे घोर pos=a,g=m,c=7,n=s
पतेयम् पत् pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin
वृष्णि वृष्णि pos=n,comp=y
पांसनैः पांसन pos=a,g=m,c=8,n=s