महाभारतम् — 7.13.42
Original
Segmented
माया-शत-सृज् दृप्तौ मायाभिः इतरेतरम् अन्तर्हितौ चेरतुः तौ भृशम् विस्मय-कारिनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
माया | माया | pos=n,comp=y |
शत | शत | pos=n,comp=y |
सृज् | सृज् | pos=a,g=m,c=1,n=d |
दृप्तौ | दृप् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
मायाभिः | माया | pos=n,g=f,c=3,n=p |
इतरेतरम् | इतरेतर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अन्तर्हितौ | अन्तर्धा | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
चेरतुः | चर् | pos=v,p=3,n=d,l=lit |
तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
विस्मय | विस्मय | pos=n,comp=y |
कारिनः | कारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=d |