महाभारतम् — 7.127.6
Original
Segmented
कथम् हि अनिच्छमानस्य द्रोणस्य युधि फल्गुनः भिन्द्यात् सु दुर्भिदम् व्यूहम् यतमानो ऽपि संयुगे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कथम् | कथम् | pos=i |
हि | हि | pos=i |
अनिच्छमानस्य | अनिच्छमान | pos=a,g=m,c=6,n=s |
द्रोणस्य | द्रोण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
युधि | युध् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
फल्गुनः | फल्गुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भिन्द्यात् | भिद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
सु | सु | pos=i |
दुर्भिदम् | दुर्भिद | pos=a,g=m,c=2,n=s |
व्यूहम् | व्यूह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यतमानो | यत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽपि | अपि | pos=i |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |