महाभारतम् — 7.127.16
Original
Segmented
दैव-उपसृष्टः पुरुषो यत् कर्म कुरुते क्वचित् कृतम् कृतम् स्म तत् तस्य दैवेन विनिहन्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दैव | दैव | pos=n,comp=y |
उपसृष्टः | उपसृज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पुरुषो | पुरुष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्म | कर्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुरुते | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्वचित् | क्वचिद् | pos=i |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
कृतम् | कृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
स्म | स्म | pos=i |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
दैवेन | दैव | pos=n,g=n,c=3,n=s |
विनिहन्यते | विनिहन् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |