Original

प्रमृज्य वदनं शुभ्रं पुण्डरीकसमप्रभम् ।अब्रवीद्वासुदेवं च पाण्डवं च धनंजयम् ॥ २ ॥

Segmented

प्रमृज्य वदनम् शुभ्रम् पुण्डरीक-सम-प्रभम् अब्रवीद् वासुदेवम् च पाण्डवम् च धनंजयम्

Analysis

Word Lemma Parse
प्रमृज्य प्रमृज् pos=vi
वदनम् वदन pos=n,g=n,c=2,n=s
शुभ्रम् शुभ्र pos=a,g=n,c=2,n=s
पुण्डरीक पुण्डरीक pos=n,comp=y
सम सम pos=n,comp=y
प्रभम् प्रभा pos=n,g=n,c=2,n=s
अब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
वासुदेवम् वासुदेव pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
पाण्डवम् पाण्डव pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
धनंजयम् धनंजय pos=n,g=m,c=2,n=s