महाभारतम् — 7.124.15
Original
Segmented
अनादिनिधनम् देवम् लोक-कर्तारम् अव्ययम् त्वाम् भक्ता ये हृषीकेश दुर्गाणि अतितरन्ति ते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनादिनिधनम् | अनादिनिधन | pos=a,g=m,c=2,n=s |
देवम् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
लोक | लोक | pos=n,comp=y |
कर्तारम् | कर्तृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अव्ययम् | अव्यय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
भक्ता | भक्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
हृषीकेश | हृषीकेश | pos=n,g=m,c=8,n=s |
दुर्गाणि | दुर्ग | pos=n,g=n,c=2,n=p |
अतितरन्ति | अतित् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |