Original

दुर्मर्षणो दुःसहश्च दुर्मदो दुर्धरो जयः ।पाण्डवं चित्रसंनाहास्तं प्रतीपमुपाद्रवन् ॥ २९ ॥

Segmented

दुर्मर्षणो दुःसहः च दुर्मदो दुर्धरो जयः पाण्डवम् चित्र-संनाहाः तम् प्रतीपम् उपाद्रवन्

Analysis

Word Lemma Parse
दुर्मर्षणो दुर्मर्षण pos=n,g=m,c=1,n=s
दुःसहः दुःसह pos=n,g=m,c=1,n=s
pos=i
दुर्मदो दुर्मद pos=n,g=m,c=1,n=s
दुर्धरो दुर्धर pos=n,g=m,c=1,n=s
जयः जय pos=n,g=m,c=1,n=s
पाण्डवम् पाण्डव pos=n,g=m,c=2,n=s
चित्र चित्र pos=a,comp=y
संनाहाः संनाह pos=n,g=m,c=1,n=p
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
प्रतीपम् प्रतीप pos=a,g=m,c=2,n=s
उपाद्रवन् उपद्रु pos=v,p=3,n=p,l=lan