महाभारतम् — 7.110.12
Original
Segmented
द्रोणम् यः सम्प्रमथ्य एकः प्रविष्टो मम वाहिनीम् भीमो धनञ्जय-अन्वेषी कः तम् अर्छेत् जिजीविषुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्रोणम् | द्रोण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सम्प्रमथ्य | सम्प्रमथ् | pos=vi |
एकः | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
प्रविष्टो | प्रविश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
वाहिनीम् | वाहिनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
भीमो | भीम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
धनञ्जय | धनंजय | pos=n,comp=y |
अन्वेषी | अन्वेषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अर्छेत् | ऋछ् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
जिजीविषुः | जिजीविषु | pos=a,g=m,c=1,n=s |