Original

द्रोणस्तु सत्वरो राजन्क्षिप्तो भीमेन संयुगे ।रथमन्यं समास्थाय व्यूहद्वारमुपाययौ ॥ १६ ॥

Segmented

द्रोणः तु स त्वरः राजन् क्षिप्तो भीमेन संयुगे रथम् अन्यम् समास्थाय व्यूह-द्वारम् उपाययौ

Analysis

Word Lemma Parse
द्रोणः द्रोण pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
pos=i
त्वरः त्वरा pos=n,g=m,c=1,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
क्षिप्तो क्षिप् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
भीमेन भीम pos=n,g=m,c=3,n=s
संयुगे संयुग pos=n,g=n,c=7,n=s
रथम् रथ pos=n,g=m,c=2,n=s
अन्यम् अन्य pos=n,g=m,c=2,n=s
समास्थाय समास्था pos=vi
व्यूह व्यूह pos=n,comp=y
द्वारम् द्वार pos=n,g=n,c=2,n=s
उपाययौ उपाया pos=v,p=3,n=s,l=lit