महाभारतम् — 7.102.38
Original
Segmented
वर्धते हविषा इव अग्निः इध्यमानः पुनः पुनः तस्य लक्ष्म न पश्यामि तेन विन्दामि कश्मलम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
हविषा | हविस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
इव | इव | pos=i |
अग्निः | अग्नि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
इध्यमानः | इन्ध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
लक्ष्म | लक्ष्मन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तेन | तेन | pos=i |
विन्दामि | विद् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
कश्मलम् | कश्मल | pos=n,g=n,c=2,n=s |