महाभारतम् — 6.93.32
Original
Segmented
कञ्चुक-उष्णीषिन् तत्र वेत्र-झर्झर-पाणयः प्रोत्सारयन्तः शनकैस् तम् जनम् सर्वतोदिशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कञ्चुक | कञ्चुक | pos=n,comp=y |
उष्णीषिन् | उष्णीषिन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |
तत्र | तत्र | pos=i |
वेत्र | वेत्र | pos=n,comp=y |
झर्झर | झर्झर | pos=n,comp=y |
पाणयः | पाणि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
प्रोत्सारयन्तः | प्रोत्सारय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
शनकैस् | शनकैस् | pos=i |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्वतोदिशम् | सर्वतोदिशम् | pos=i |