Original

तमुद्यतगदं दृष्ट्वा सशृङ्गमिव पर्वतम् ।तावकानां भयं घोरं समपद्यत भारत ॥ ७३ ॥

Segmented

तम् उद्यत-गदम् दृष्ट्वा स शृङ्गम् इव पर्वतम् तावकानाम् भयम् घोरम् समपद्यत भारत

Analysis

Word Lemma Parse
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
उद्यत उद्यम् pos=va,comp=y,f=part
गदम् गदा pos=n,g=m,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
pos=i
शृङ्गम् शृङ्ग pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
पर्वतम् पर्वत pos=n,g=m,c=2,n=s
तावकानाम् तावक pos=a,g=m,c=6,n=p
भयम् भय pos=n,g=n,c=1,n=s
घोरम् घोर pos=a,g=n,c=1,n=s
समपद्यत सम्पद् pos=v,p=3,n=s,l=lan
भारत भारत pos=n,g=m,c=8,n=s