महाभारतम् — 6.83.1
Original
Segmented
संजय उवाच परिणाम्य निशाम् ताम् तु सुख-सुप्ताः जनेश्वराः कुरवः पाण्डवाः च एव पुनः युद्धाय निर्ययुः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
परिणाम्य | परिणामय् | pos=vi |
निशाम् | निशा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तु | तु | pos=i |
सुख | सुख | pos=a,comp=y |
सुप्ताः | स्वप् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
जनेश्वराः | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
कुरवः | कुरु | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
एव | एव | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
युद्धाय | युद्ध | pos=n,g=n,c=4,n=s |
निर्ययुः | निर्या | pos=v,p=3,n=p,l=lit |