Original

गदापि सा प्राप्य रथं सुचित्रं साश्वं ससूतं विनिहत्य संख्ये ।जगाम भूमिं ज्वलिता महोल्का भ्रष्टाम्बराद्गामिव संपतन्ती ॥ ३६ ॥

Segmented

गदा अपि सा प्राप्य रथम् सु चित्रम् स अश्वम् स सूतम् विनिहत्य संख्ये जगाम भूमिम् ज्वलिता महा-उल्का भ्रष्टा अम्बरात् गाम् इव संपतन्ती

Analysis

Word Lemma Parse
गदा गदा pos=n,g=f,c=1,n=s
अपि अपि pos=i
सा तद् pos=n,g=f,c=1,n=s
प्राप्य प्राप् pos=vi
रथम् रथ pos=n,g=m,c=2,n=s
सु सु pos=i
चित्रम् चित्र pos=a,g=m,c=2,n=s
pos=i
अश्वम् अश्व pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
सूतम् सूत pos=n,g=m,c=2,n=s
विनिहत्य विनिहन् pos=vi
संख्ये संख्य pos=n,g=n,c=7,n=s
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भूमिम् भूमि pos=n,g=f,c=2,n=s
ज्वलिता ज्वल् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
महा महत् pos=a,comp=y
उल्का उल्का pos=n,g=f,c=1,n=s
भ्रष्टा भ्रंश् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
अम्बरात् अम्बर pos=n,g=n,c=5,n=s
गाम् गो pos=n,g=,c=2,n=s
इव इव pos=i
संपतन्ती सम्पत् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part