Original

पाण्डवीं समरे सेनां संममर्द सकुञ्जरः ।यथा वनगजो राजन्मृद्नंश्चरति पद्मिनीम् ॥ ४१ ॥

Segmented

पाण्डवीम् समरे सेनाम् संममर्द स कुञ्जरः यथा वन-गजः राजन् मृद् चरति पद्मिनीम्

Analysis

Word Lemma Parse
पाण्डवीम् पाण्डव pos=a,g=f,c=2,n=s
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
सेनाम् सेना pos=n,g=f,c=2,n=s
संममर्द सम्मृद् pos=v,p=3,n=s,l=lit
pos=i
कुञ्जरः कुञ्जर pos=n,g=m,c=1,n=s
यथा यथा pos=i
वन वन pos=n,comp=y
गजः गज pos=n,g=m,c=1,n=s
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
मृद् मृद् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
चरति चर् pos=v,p=3,n=s,l=lat
पद्मिनीम् पद्मिनी pos=n,g=f,c=2,n=s