Original

संजय उवाच ।अथात्मजं तव पुनर्गाङ्गेयो ध्यानमास्थितम् ।अब्रवीद्भरतश्रेष्ठः संप्रहर्षकरं वचः ॥ १ ॥

Segmented

संजय उवाच अथ आत्मजम् तव पुनः गाङ्गेयो ध्यानम् आस्थितम् अब्रवीद् भरत-श्रेष्ठः सम्प्रहर्ष-करम् वचः

Analysis

Word Lemma Parse
संजय संजय pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
अथ अथ pos=i
आत्मजम् आत्मज pos=n,g=m,c=2,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
पुनः पुनर् pos=i
गाङ्गेयो गाङ्गेय pos=n,g=m,c=1,n=s
ध्यानम् ध्यान pos=n,g=n,c=2,n=s
आस्थितम् आस्था pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
अब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
भरत भरत pos=n,comp=y
श्रेष्ठः श्रेष्ठ pos=a,g=m,c=1,n=s
सम्प्रहर्ष सम्प्रहर्ष pos=n,comp=y
करम् कर pos=a,g=n,c=2,n=s
वचः वचस् pos=n,g=n,c=2,n=s