Original

न हि मे विद्यते सूत जीवितेऽद्य प्रयोजनम् ।भीमसेनं रणे हित्वा स्नेहमुत्सृज्य पाण्डवैः ॥ २६ ॥

Segmented

न हि मे विद्यते सूत जीविते ऽद्य प्रयोजनम् भीमसेनम् रणे हित्वा स्नेहम् उत्सृज्य पाण्डवैः

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
हि हि pos=i
मे मद् pos=n,g=,c=6,n=s
विद्यते विद् pos=v,p=3,n=s,l=lat
सूत सूत pos=n,g=m,c=8,n=s
जीविते जीवित pos=n,g=n,c=7,n=s
ऽद्य अद्य pos=i
प्रयोजनम् प्रयोजन pos=n,g=n,c=1,n=s
भीमसेनम् भीमसेन pos=n,g=m,c=2,n=s
रणे रण pos=n,g=m,c=7,n=s
हित्वा हा pos=vi
स्नेहम् स्नेह pos=n,g=m,c=2,n=s
उत्सृज्य उत्सृज् pos=vi
पाण्डवैः पाण्डव pos=n,g=m,c=3,n=p