महाभारतम् — 6.7.46
Original
Segmented
अचिन्त्या दिव्य-संकल्पा प्रभोः एषा एव संविधिः उपासते यत्र सत्रम् सहस्र-युग-पर्यये
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अचिन्त्या | अचिन्त्य | pos=a,g=m,c=1,n=p |
दिव्य | दिव्य | pos=a,comp=y |
संकल्पा | संकल्प | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रभोः | प्रभु | pos=n,g=m,c=6,n=s |
एषा | एतद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
एव | एव | pos=i |
संविधिः | संविधि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उपासते | उपास् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
यत्र | यत्र | pos=i |
सत्रम् | सत्त्र | pos=n,g=n,c=2,n=s |
सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
युग | युग | pos=n,comp=y |
पर्यये | पर्यय | pos=n,g=m,c=7,n=s |