Original

शिखण्डी तु समासाद्य द्रोणं शस्त्रभृतां वरम् ।अवर्जयत संग्रामे युगान्ताग्निमिवोल्बणम् ॥ ३० ॥

Segmented

शिखण्डी तु समासाद्य द्रोणम् शस्त्रभृताम् वरम् अवर्जयत संग्रामे युगान्त-अग्निम् इव उल्बणम्

Analysis

Word Lemma Parse
शिखण्डी शिखण्डिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
समासाद्य समासादय् pos=vi
द्रोणम् द्रोण pos=n,g=m,c=2,n=s
शस्त्रभृताम् शस्त्रभृत् pos=n,g=m,c=6,n=p
वरम् वर pos=a,g=m,c=2,n=s
अवर्जयत वर्जय् pos=v,p=3,n=s,l=lan
संग्रामे संग्राम pos=n,g=m,c=7,n=s
युगान्त युगान्त pos=n,comp=y
अग्निम् अग्नि pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
उल्बणम् उल्बण pos=a,g=m,c=2,n=s