महाभारतम् — 6.64.15
Original
Segmented
प्रीतिमान् हि दृढम् कृष्णः पाण्डवेषु यशस्विषु तस्माद् ब्रवीमि राज-इन्द्र शमो भवतु पाण्डवैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रीतिमान् | प्रीतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
दृढम् | दृढम् | pos=i |
कृष्णः | कृष्ण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पाण्डवेषु | पाण्डव | pos=n,g=m,c=7,n=p |
यशस्विषु | यशस्विन् | pos=a,g=m,c=7,n=p |
तस्माद् | तस्मात् | pos=i |
ब्रवीमि | ब्रू | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
राज | राजन् | pos=n,comp=y |
इन्द्र | इन्द्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शमो | शम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवतु | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lot |
पाण्डवैः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=3,n=p |