महाभारतम् — 6.61.25
Original
Segmented
शोक-संमूढ-हृदयः निशा-काले स्म कौरवः पितामहम् महा-प्राज्ञम् विनयेन उपगम्य ह यद् अब्रवीत् सुतः ते ऽसौ तत् मे शृणु जनेश्वर
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
संमूढ | सम्मुह् | pos=va,comp=y,f=part |
हृदयः | हृदय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
निशा | निशा | pos=n,comp=y |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्म | स्म | pos=i |
कौरवः | कौरव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पितामहम् | पितामह | pos=n,g=m,c=2,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
प्राज्ञम् | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
विनयेन | विनय | pos=n,g=m,c=3,n=s |
उपगम्य | उपगम् | pos=vi |
ह | ह | pos=i |
यद् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सुतः | सुत | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽसौ | अदस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तत् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
शृणु | श्रु | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
जनेश्वर | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=8,n=s |