Original

पार्थस्तु विष्टभ्य बलेन पादौ भीष्मान्तिकं तूर्णमभिद्रवन्तम् ।बलान्निजग्राह किरीटमाली पदेऽथ राजन्दशमे कथंचित् ॥ ९८ ॥

Segmented

पार्थः तु विष्टभ्य बलेन पादौ भीष्म-अन्तिकम् तूर्णम् अभिद्रवन्तम् बलात् निजग्राह किरीटमाली पदे ऽथ राजन् दशमे कथंचित्

Analysis

Word Lemma Parse
पार्थः पार्थ pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
विष्टभ्य विष्टम्भ् pos=vi
बलेन बल pos=n,g=n,c=3,n=s
पादौ पाद pos=n,g=m,c=2,n=d
भीष्म भीष्म pos=n,comp=y
अन्तिकम् अन्तिक pos=n,g=n,c=2,n=s
तूर्णम् तूर्णम् pos=i
अभिद्रवन्तम् अभिद्रु pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
बलात् बल pos=n,g=n,c=5,n=s
निजग्राह निग्रह् pos=v,p=3,n=s,l=lit
किरीटमाली किरीटमालिन् pos=n,g=m,c=1,n=s
पदे पद pos=n,g=n,c=7,n=s
ऽथ अथ pos=i
राजन् राजन् pos=n,g=m,c=8,n=s
दशमे दशम pos=a,g=n,c=7,n=s
कथंचित् कथंचिद् pos=i