महाभारतम् — 6.55.70
Original
Segmented
अर्जुनो ऽपि शरैः तीक्ष्णैः वध्यमानो हि संयुगे कर्तव्यम् न अभिजानाति रणे भीष्मस्य गौरवात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुनो | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
तीक्ष्णैः | तीक्ष्ण | pos=a,g=m,c=3,n=p |
वध्यमानो | वध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हि | हि | pos=i |
संयुगे | संयुग | pos=n,g=n,c=7,n=s |
कर्तव्यम् | कर्तव्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
अभिजानाति | अभिज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भीष्मस्य | भीष्म | pos=n,g=m,c=6,n=s |
गौरवात् | गौरव | pos=n,g=n,c=5,n=s |