Original

दृष्ट्वा हि समरे भीष्मं व्यात्ताननमिवान्तकम् ।भयार्ताः संप्रणश्यन्ति सिंहं क्षुद्रमृगा इव ॥ ४५ ॥

Segmented

दृष्ट्वा हि समरे भीष्मम् व्यात्त-आननम् इव अन्तकम् भय-आर्ताः संप्रणश्यन्ति सिंहम् क्षुद्र-मृगाः इव

Analysis

Word Lemma Parse
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
हि हि pos=i
समरे समर pos=n,g=n,c=7,n=s
भीष्मम् भीष्म pos=n,g=m,c=2,n=s
व्यात्त व्यात्त pos=a,comp=y
आननम् आनन pos=n,g=m,c=2,n=s
इव इव pos=i
अन्तकम् अन्तक pos=n,g=m,c=2,n=s
भय भय pos=n,comp=y
आर्ताः आर्त pos=a,g=m,c=1,n=p
संप्रणश्यन्ति संप्रणश् pos=v,p=3,n=p,l=lat
सिंहम् सिंह pos=n,g=m,c=2,n=s
क्षुद्र क्षुद्र pos=a,comp=y
मृगाः मृग pos=n,g=m,c=1,n=p
इव इव pos=i