महाभारतम् — 6.55.104
Original
Segmented
मृदङ्ग-भेरी-पटह-प्रणादाः नेमि-स्वनाः दुन्दुभि-निस्वनाः च स सिंहनादाः च बभूवुः उग्राः सर्वेषु अनीकेषु ततः कुरूणाम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मृदङ्ग | मृदङ्ग | pos=n,comp=y |
भेरी | भेरी | pos=n,comp=y |
पटह | पटह | pos=n,comp=y |
प्रणादाः | प्रणाद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
नेमि | नेमि | pos=n,comp=y |
स्वनाः | स्वन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
दुन्दुभि | दुन्दुभि | pos=n,comp=y |
निस्वनाः | निस्वन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
स | स | pos=i |
सिंहनादाः | सिंहनाद | pos=n,g=m,c=1,n=p |
च | च | pos=i |
बभूवुः | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
उग्राः | उग्र | pos=a,g=m,c=1,n=p |
सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=n,c=7,n=p |
अनीकेषु | अनीक | pos=n,g=n,c=7,n=p |
ततः | ततस् | pos=i |
कुरूणाम् | कुरु | pos=n,g=m,c=6,n=p |