महाभारतम् — 6.50.26
Original
Segmented
कलिङ्गः तु ततः क्रुद्धो धनुः-ज्याम् अवमृज्य ह प्रगृह्य च शरम् घोरम् एकम् सर्प-विष-उपमम् प्राहिणोद् भीमसेनाय वध-आकाङ्क्षी जनेश्वरः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कलिङ्गः | कलिङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
ततः | ततस् | pos=i |
क्रुद्धो | क्रुध् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
धनुः | धनुस् | pos=n,comp=y |
ज्याम् | ज्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
अवमृज्य | अवमृज् | pos=vi |
ह | ह | pos=i |
प्रगृह्य | प्रग्रह् | pos=vi |
च | च | pos=i |
शरम् | शर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
घोरम् | घोर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
एकम् | एक | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सर्प | सर्प | pos=n,comp=y |
विष | विष | pos=n,comp=y |
उपमम् | उपम | pos=a,g=m,c=2,n=s |
प्राहिणोद् | प्रहि | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भीमसेनाय | भीमसेन | pos=n,g=m,c=4,n=s |
वध | वध | pos=n,comp=y |
आकाङ्क्षी | आकाङ्क्षिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जनेश्वरः | जनेश्वर | pos=n,g=m,c=1,n=s |