महाभारतम् — 6.49.39
Original
Segmented
पाञ्चाल्यम् अभिसंत्यज्य द्रोणो ऽपि रथिनाम् वरः विराट-द्रुपदौ वृद्धौ योधयामास संगतौ धृष्टद्युम्नो ऽपि समरे धर्मराजम् समभ्ययात्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
पाञ्चाल्यम् | पाञ्चाल्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभिसंत्यज्य | अभिसंत्यज् | pos=vi |
द्रोणो | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
रथिनाम् | रथिन् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
वरः | वर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
विराट | विराट | pos=n,comp=y |
द्रुपदौ | द्रुपद | pos=n,g=m,c=2,n=d |
वृद्धौ | वृद्ध | pos=a,g=m,c=2,n=d |
योधयामास | योधय् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
संगतौ | संगम् | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |
धृष्टद्युम्नो | धृष्टद्युम्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽपि | अपि | pos=i |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
धर्मराजम् | धर्मराज | pos=n,g=m,c=2,n=s |
समभ्ययात् | समभिया | pos=v,p=3,n=s,l=lun |