महाभारतम् — 6.46.27
Original
Segmented
मा शुचो भरत-श्रेष्ठ न त्वम् शोचितुम् अर्हसि यस्य ते भ्रातरः शूराः सर्व-लोकस्य धन्विनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
मा | मा | pos=i |
शुचो | शुच् | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
शोचितुम् | शुच् | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
यस्य | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
भ्रातरः | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=p |
शूराः | शूर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
लोकस्य | लोक | pos=n,g=m,c=6,n=s |
धन्विनः | धन्विन् | pos=a,g=m,c=1,n=p |