महाभारतम् — 6.45.55
Original
Segmented
उत्सृज्य समरे तूर्णम् पाण्डवम् सव्यसाचिनम् अभ्यद्रवत पाञ्चाल्यम् द्रुपदम् सेनया वृतम् प्रियम् संबन्धिनम् राजञ् शरान् अवकिरन् बहून्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
उत्सृज्य | उत्सृज् | pos=vi |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
तूर्णम् | तूर्णम् | pos=i |
पाण्डवम् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सव्यसाचिनम् | सव्यसाचिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अभ्यद्रवत | अभिद्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
पाञ्चाल्यम् | पाञ्चाल्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
द्रुपदम् | द्रुपद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
सेनया | सेना | pos=n,g=f,c=3,n=s |
वृतम् | वृ | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
संबन्धिनम् | सम्बन्धिन् | pos=a,g=m,c=2,n=s |
राजञ् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
शरान् | शर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
अवकिरन् | अवकृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
बहून् | बहु | pos=a,g=m,c=2,n=p |