महाभारतम् — 6.45.31
Original
Segmented
जवेन आपतताम् तेषाम् भीष्मः शांतनवो रणे पाञ्चाल्यम् त्रिभिः आनर्छत् सात्यकिम् निशितैः शरैः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जवेन | जव | pos=n,g=m,c=3,n=s |
आपतताम् | आपत् | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
भीष्मः | भीष्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
शांतनवो | शांतनव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
पाञ्चाल्यम् | पाञ्चाल्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
त्रिभिः | त्रि | pos=n,g=m,c=3,n=p |
आनर्छत् | ऋछ् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सात्यकिम् | सात्यकि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
निशितैः | निशा | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |