महाभारतम् — 6.4.15
Original
Segmented
धृतराष्ट्र उवाच यानि लिङ्गानि संग्रामे भवन्ति विजयिष्यताम् तानि सर्वाणि भगवञ् श्रोतुम् इच्छामि तत्त्वतः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
यानि | यद् | pos=n,g=n,c=1,n=p |
लिङ्गानि | लिङ्ग | pos=n,g=n,c=1,n=p |
संग्रामे | संग्राम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भवन्ति | भू | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
विजयिष्यताम् | विजि | pos=va,g=m,c=6,n=p,f=part |
तानि | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=p |
सर्वाणि | सर्व | pos=n,g=n,c=2,n=p |
भगवञ् | भगवत् | pos=a,g=m,c=8,n=s |
श्रोतुम् | श्रु | pos=vi |
इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
तत्त्वतः | तत्त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |