Original

ज्वलितार्केन्दुनक्षत्रं निर्विशेषदिनक्षपम् ।अहोरात्रं मया दृष्टं तत्क्षयाय भविष्यति ॥ २२ ॥

Segmented

ज्वलित-अर्क-इन्दु-नक्षत्रम् निर्विशेष-दिन-क्षपम् अहोरात्रम् मया दृष्टम् तत् क्षयाय भविष्यति

Analysis

Word Lemma Parse
ज्वलित ज्वल् pos=va,comp=y,f=part
अर्क अर्क pos=n,comp=y
इन्दु इन्दु pos=n,comp=y
नक्षत्रम् नक्षत्र pos=n,g=n,c=1,n=s
निर्विशेष निर्विशेष pos=a,comp=y
दिन दिन pos=n,comp=y
क्षपम् क्षपा pos=n,g=n,c=1,n=s
अहोरात्रम् अहोरात्र pos=n,g=n,c=1,n=s
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
दृष्टम् दृश् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
तत् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
क्षयाय क्षय pos=n,g=m,c=4,n=s
भविष्यति भू pos=v,p=3,n=s,l=lrt