Original

यः स्पर्धते रणे नित्यं जामदग्न्यं महाबलम् ।अजितं जामदग्न्येन शक्रतुल्यपराक्रमम् ॥ २० ॥

Segmented

यः स्पर्धते रणे नित्यम् जामदग्न्यम् महा-बलम् अजितम् जामदग्न्येन शक्र-तुल्य-पराक्रमम्

Analysis

Word Lemma Parse
यः यद् pos=n,g=m,c=1,n=s
स्पर्धते स्पृध् pos=v,p=3,n=s,l=lat
रणे रण pos=n,g=m,c=7,n=s
नित्यम् नित्यम् pos=i
जामदग्न्यम् जामदग्न्य pos=n,g=m,c=2,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
बलम् बल pos=n,g=m,c=2,n=s
अजितम् अजित pos=a,g=m,c=2,n=s
जामदग्न्येन जामदग्न्य pos=n,g=m,c=3,n=s
शक्र शक्र pos=n,comp=y
तुल्य तुल्य pos=a,comp=y
पराक्रमम् पराक्रम pos=n,g=m,c=2,n=s