महाभारतम् — 6.13.48
Original
Segmented
श्रुत्वा इदम् भरत-श्रेष्ठ भूमि-पर्व मनोनुगम् श्रीमान् भवति राजन्यः सिद्धार्थः साधु-संमतः आयुः बलम् च वीर्यम् च तस्य तेजः च वर्धते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
इदम् | इदम् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
भरत | भरत | pos=n,comp=y |
श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
भूमि | भूमि | pos=n,comp=y |
पर्व | पर्वन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
मनोनुगम् | मनोनुग | pos=a,g=n,c=2,n=s |
श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
राजन्यः | राजन्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सिद्धार्थः | सिद्धार्थ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
साधु | साधु | pos=n,comp=y |
संमतः | सम्मन् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
आयुः | आयुस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
बलम् | बल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
वीर्यम् | वीर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
तेजः | तेजस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
वर्धते | वृध् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |