महाभारतम् — 6.117.11
Original
Segmented
अकस्मात् पाण्डवान् हि त्वम् द्विषसि इति मतिः मम येन असि बहुशो रूक्षम् चोदितः सूर्यनन्दन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अकस्मात् | अकस्मात् | pos=i |
पाण्डवान् | पाण्डव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
हि | हि | pos=i |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
द्विषसि | द्विष् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
इति | इति | pos=i |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
येन | येन | pos=i |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
बहुशो | बहुशस् | pos=i |
रूक्षम् | रूक्ष | pos=a,g=n,c=2,n=s |
चोदितः | चोदय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सूर्यनन्दन | सूर्यनन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |