महाभारतम् — 6.115.7
Original
Segmented
संजय उवाच सायाह्ने न्यपतद् भूमौ धार्तराष्ट्रान् विषादयन् पाञ्चालानाम् ददानः हर्षम् कुरुवृद्धः पितामहः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सायाह्ने | सायाह्न | pos=n,g=m,c=7,n=s |
न्यपतद् | निपत् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भूमौ | भूमि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
धार्तराष्ट्रान् | धार्तराष्ट्र | pos=n,g=m,c=2,n=p |
विषादयन् | विषादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
पाञ्चालानाम् | पाञ्चाल | pos=n,g=m,c=6,n=p |
ददानः | दा | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
हर्षम् | हर्ष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
कुरुवृद्धः | कुरुवृद्ध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पितामहः | पितामह | pos=n,g=m,c=1,n=s |