महाभारतम् — 6.115.64
Original
Segmented
अनाश्चर्यो जयः तेषाम् येषाम् त्वम् असि केशव रक्षिता समरे नित्यम् नित्यम् च अपि हिते रतः सर्वथा त्वाम् समासाद्य न आश्चर्यम् इति मे मतिः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अनाश्चर्यो | अनाश्चर्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जयः | जय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
येषाम् | यद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
केशव | केशव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
रक्षिता | रक्षितृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
समरे | समर | pos=n,g=n,c=7,n=s |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
हिते | हित | pos=n,g=n,c=7,n=s |
रतः | रम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सर्वथा | सर्वथा | pos=i |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
न | न | pos=i |
आश्चर्यम् | आश्चर्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
मतिः | मति | pos=n,g=f,c=1,n=s |